स्वागत है, नेटिजन! आप जहां भी हों, चाहे आप कोई भी हों, आपका दर्शन, आपका पंथ, आपका विचार, आपका रंग, आपका देश या जाति कोई भी हो, आइए और ईश्वर की कृपा के रहस्योद्घाटन के जल में तैर जाइए, जो ईश्वर की एकरसता को तोड़ देता है। कानून और पवित्र आत्मा की सीधी कार्रवाई का जश्न मनाता है, जो हर एक में और पूरे में मौजूद है।
स्वागत है, नेटिजन! आप जहां भी हों, चाहे आप कोई भी हों, आपका दर्शन, आपका पंथ, आपका विचार, आपका रंग, आपका देश या जाति कोई भी हो, आइए और ईश्वर की कृपा के रहस्योद्घाटन के जल में तैर जाइए, जो ईश्वर की एकरसता को तोड़ देता है। कानून और पवित्र आत्मा की सीधी कार्रवाई का जश्न मनाता है, जो हर एक में और पूरे में मौजूद है।